Shani Chalisa In Hindi: हम सभी को पता ही है की शनि देव न्याय के देवता है अगर आप कुछ गलत कर रहे है या पुनर्जन्म में कुछ गलत किये है तो आपको उसकी सजा शनि देव जरुर देगे शनि देव किसी के साथ गलत नही होने देते न गलत करते है।
अगर आपने भी कुछ गलत किया है और उसकी सजा शनि देव दे रहे है तो आप शनि चालीसा का पाठ रोजाना प्रति दिन करने ने से शनि देव को खुश कर शनि देव के प्रभाव से को कम किया जा सकते है जय शनि देव।
शनि देव के प्रभाव को कम करने के लिए पढ़े हनुमान चालीसा हनुमान अष्टक पढ़े
शनि चालीसा – Shani Chalisa In Hindi
Lyrics
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥
॥ चौपाई ॥
जयति जयति शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।
माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥
परम विशाल मनोहर भाला।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।
हिय माल मुक्तन मणि दमके॥
कर में गदा त्रिशूल कुठारा।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥
पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥
सौरी, मन्द, शनी, दश नामा।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं।
रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥
पर्वतहू तृण होई निहारत।
तृणहू को पर्वत करि डारत॥
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥
बनहूँ में मृग कपट दिखाई।
मातु जानकी गई चुराई॥
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।
मचिगा दल में हाहाकारा॥
रावण की गति-मति बौराई।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥
दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग बीर की डंका॥
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।
चित्र मयूर निगलि गै हारा॥
हार नौलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी॥
भारी दशा निकृष्ट दिखायो।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥
विनय राग दीपक महं कीन्हयों।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी॥
तैसे नल पर दशा सिरानी।
भूंजी-मीन कूद गई पानी॥
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।
पारवती को सती कराई॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।
बची द्रौपदी होति उघारी॥
कौरव के भी गति मति मारयो।
युद्ध महाभारत करि डारयो॥
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।
लेकर कूदि परयो पाताला॥
शेष देव-लखि विनती लाई।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥
वाहन प्रभु के सात सुजाना।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥
जम्बुक सिंह आदि नख धारी।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा।
सिंह सिद्धकर राज समाजा॥
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी॥
तैसहि चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥
समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।
दीप दान दै बहु सुख पावत॥
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥
॥ दोहा ॥
पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥
शनि चालीसा के पढ़ने फायदे (Shani Chalisa Padhne Ke Fayde)
- अगर आप पर शनि की महादशा या शनि दोष है तो आप शनि चालीसा (Shani Chalisa) का नियमित रूप से पाठ करने से शनि दशा को कम किया जा सकता है
- शनि चालीसा के लाभ शनि देव चालीसा का नियमित पाठ से आपके विचारों को परिष्कृत कर सकता है और जीवन के प्रति आपकी दृष्टि को बढ़ा सकता है।
- आप जीवन में सही रास्ते पर टिके रहने के लिए प्रेरित होंगे और आखिरकार आप एक पुण्य जीवन के कारण स्वर्ग का रास्ता खोज लेंगे।
- आप जीवन में दुर्घटनाओं और विपत्तियों से बचे रहेंगे।
- शनि चालीसा में कर्म की गणना और किसी के कर्मों के प्रतिशोध को बदलने की शक्ति मिलती है।
Shani Chalisa Video (शनि चालीसा)
शनि चालीसा : FAQ
हमारे हिन्दू शास्त्रों के आधार पर शनिदेव एक बार बुरी तरह घायल थे और उन्हें पीड़ा हो रही थी तब उस समय हनुमान जी ने पीड़ा को देखे हुये सरसों का तेल शनिदेव को दिये जिससे उन्हें आराम मिला जिससे उसी समय से सरसों का तेल अर्पित किया जाने लगा।
आक के फूल शनि देव को पसंद है इससे हम मदार का फूल भी कहते है और यह फूल नीले रंग का होता है या अगर आपको आक का फूल नही मिल रहा है तो आप नीले रंग अपराजिता के फूल भी चढ़ा सकते है अगर आप शनिवार को नीले रंग के 5 फूल शनिदेव के चरणों में अर्पित करते है तो शनिदेव आपसे जल्दी प्रसन्न होते हैं और सभी इच्छा पूरी करते हैं।
नीला और काला रंग पसंद है इसलिए शनि देव पर नीला और काला रंग का कपड़ा अर्पित करना चाहिए।
शनि देव को मीठी पुरी पसंद है इसलिए शनि देव के भोग में मीठी पुरी के भोग चढ़ाएं और शनि देव की पूजा करे।
शनि देव को दान में हमे तेल, लौह, काला तिल, कोयला, उड़द, जूता, चप्पल दान के रूप में देना चाहिए ।