Durga Chalisa In Hindi (श्री दुर्गा चालीसा): Arti Sahit

जानने की आवश्यकता
श्री दुर्गा चालीसा को पढने और आरती को सुने साथ ही उनका अर्थ जानना चाहते है तो आप बिलकुल सही जगह पे आए हैं साथ ही हमने Durga Chalisa In Hindi उपलब्ध कराया है।
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Name Durga Chalisa : श्री दुर्गा चालीसा
Category Chalisa
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Source ChalisaPDF.in

Durga Chalisa: श्री दुर्गा चालीसा माँ दुर्गा के भक्तो के द्वारा माँ की अर्धना करने से सुख शांति व समृद्धि तथा समाज में फैल रही सामाजिक कुरीतयो और बुराइयों को नष्ट करने में फलदायी है और आपके परिवार को सुख शांति मिलती है दुर्गा चालीसा। माँ काली की चालीसा

श्री दुर्गा चालीसा पाठ – Durga Chalisa In Hindi

Lyrics

श्री दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो अंबे दुःख हरनी ॥ 1 ॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहू लोक फैली उजियारी ॥ 2 ॥

शशि ललाट मुख महाविशाला ।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥ 3 ॥

रूप मातु को अधिक सुहावे ।
दरश करत जन अति सुख पावे ॥ 4 ॥

तुम संसार शक्ति लय कीना ।
पालन हेतु अन्न धन दीना ॥ 5 ॥

अन्नपूर्णा हुयि जग पाला ।
तुम ही आदि सुंदरी बाला ॥ 6 ॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी ।
तुम गौरी शिव शंकर प्यारी ॥ 7 ॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावेम् ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावेम् ॥ 8 ॥

रूप सरस्वती का तुम धारा ।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥ 9 ॥

धरा रूप नरसिंह को अंबा ।
परगट भयि फाड के खंबा ॥ 10 ॥

रक्षा कर प्रह्लाद बचायो ।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥ 11 ॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीम् ।
श्री नारायण अंग समाहीम् ॥ 12 ॥

क्षीरसिंधु में करत विलासा ।
दयासिंधु दीजै मन आसा ॥ 13 ॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।
महिमा अमित न जात बखानी ॥ 14 ॥

मातंगी धूमावति माता ।
भुवनेश्वरी बगला सुखदाता ॥ 15 ॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी ।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥ 16 ॥

केहरि वाहन सोह भवानी ।
लांगुर वीर चलत अगवानी ॥ 17 ॥

कर में खप्पर खडग विराजे ।
जाको देख काल डर भाजे ॥ 18 ॥

तोहे कर में अस्त्र त्रिशूला ।
जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥ 19 ॥

नगरकोटि में तुम्हीं विराजत ।
तिहुँ लोक में डंका बाजत ॥ 20 ॥

शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे ।
रक्तबीज शंखन संहारे ॥ 21 ॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी ।
जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥ 22 ॥

रूप कराल कालिका धारा ।
सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥ 23 ॥

पडी भीढ संतन पर जब जब ।
भयि सहाय मातु तुम तब तब ॥ 24 ॥

अमरपुरी अरु बासव लोका ।
तब महिमा सब कहें अशोका ॥ 25 ॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।
तुम्हें सदा पूजें नर नारी ॥ 26 ॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावेम् ।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवेम् ॥ 27 ॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लायि ।
जन्म मरण ते सौं छुट जायि ॥ 28 ॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।
योग न होयि बिन शक्ति तुम्हारी ॥ 29 ॥

शंकर आचारज तप कीनो ।
काम अरु क्रोध जीत सब लीनो ॥ 30 ॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥ 31 ॥

शक्ति रूप को मरम न पायो ।
शक्ति गयी तब मन पछतायो ॥ 32 ॥

शरणागत हुयि कीर्ति बखानी ।
जय जय जय जगदंब भवानी ॥ 33 ॥

भयि प्रसन्न आदि जगदंबा ।
दयि शक्ति नहिं कीन विलंबा ॥ 34 ॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो ।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥ 35 ॥

आशा तृष्णा निपट सतावेम् ।
रिपु मूरख मॊहि अति दर पावैम् ॥ 36 ॥

शत्रु नाश कीजै महारानी ।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥ 37 ॥

करो कृपा हे मातु दयाला ।
ऋद्धि-सिद्धि दे करहु निहाला । 38 ॥

जब लगि जियू दया फल पावू ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनावू ॥ 39 ॥

दुर्गा चालीसा जो गावै ।
सब सुख भोग परमपद पावै ॥ 40 ॥

देवीदास शरण निज जानी ।
करहु कृपा जगदंब भवानी ॥

दुर्गा चालीसा पाठ करने के फायदे (Durga Chalisa Padhne Ke Fayde)

  • यदि आप अनावश्यक विचारों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी। और आपके मन में गलत विचारों से नही आऐगा
  • नवरात्रि के दौरान दुर्गा चालीसा पढ़ने से माँ दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती है और आपके घर में शांति और सुख समृद्ध आती है
  • सच्ची प्रार्थना से देवी धन, ज्ञान और समृद्धि की वर्षा करती हैं। और कठिनाइयों और अन्य प्रकार के नुकसानों से बचाने में भी मदद करता है।
  • कहा जाता है कि प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ (Durga Chalisa से आप कर सकते है) करने से आपमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह आपको बुरी आत्माओं से लड़ने की ऊर्जा देता है।

Durga Chalisa Aarti Video (श्री दुर्गा चालीसा आरती)

दुर्गा चालीसा आरती : FAQ

दुर्गा चालीसा पाठ करने के नियम

दुर्गा चालीसा पाठ अपने क्षमता और श्रद्धा भाव के अनुकूल करना चाहिए लेकिन जब भी करे नियम पूर्वक करना चाहिए

दुर्गा चालीसा कितनी बार पढ़ना चाहिए

आप प्रतिदिन रोजाना सुबह के समय स्वच्छ अवस्था में साफ कपडे पहन कर पूर्ब दिशा के और मुह करके एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा कर माता दुर्गा का फोटो या प्रतिमा स्थापित करें उसके बाद फूल, रोली, धूप, दीप आदि के साथ दुर्गा चालीसा का पाठ शुरू करे

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