Ganesh Chalisa In Hindi (श्री गणेश चालीसा): Arti Sahit

जानने की आवश्यकता
रिधि सीधी के दाता गणेश जी की आरती चालीसा पाठ पढ़ना चाहते है तो आप बिलकुल सही जगह पे आए है हमने Shri Ganesh Chalisa In Hindi उपलब्ध कराया है इस आर्टिकल पे।
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Name Ganesh Chalisa : श्री गणेश चालीसा
Category Chalisa
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Source ChalisaPDF.in

Ganesh Chalisa: भगवान गणेश, जिन्हें हम गणपति और विनायक जैसे विभिन्न नामों से भी पुकारा जाते है, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं।

भगवान श्री गणेश प्रथम पूजनीय भगवन के रूप में मने जाते है क्यों की गणेश जी को भगवन शिव से आशीर्वाद मिला हुआ है और गणेश जी बल और बुद्धि में भी सबसे तेज है इसलिए ज्ञान के देवता के रूप में पूजा जाता हैगणेश चालीसा भगवान गणेश को समर्पित एक धार्मिक स्तोत्र है।

श्री गणेश चालीसा आरती – Ganesh Chalisa Hindi

Ganesh Chalisa Hindi Lyrics

॥ दोहा ॥
जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ॥

॥ चौपाई ॥
जय जय जय गणपति गणराजू ।
मंगल भरण करण शुभः काजू ॥

जै गजबदन सदन सुखदाता ।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥

वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥

राजत मणि मुक्तन उर माला ।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।
चरण पादुका मुनि मन राजित ॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।
गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥

ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।
मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।
अति शुची पावन मंगलकारी ॥

एक समय गिरिराज कुमारी ।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥

अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥

अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।
बिना गर्भ धारण यहि काला ॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।
पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥

अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।
पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥

बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥

शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा ।
देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।
बालक, देखन चाहत नाहीं ॥

गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥

कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥

पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥

गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥

हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।
काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो ।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥ 30 ॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥

चले षडानन, भरमि भुलाई ।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥

धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।
शेष सहसमुख सके न गाई ॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥

अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥ 38 ॥

॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान ॥

सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ती गणेश ॥

गणेश चालीसा के पढने फायदे (Ganesh Chalisa Padhne Ke Fayde)

  • भगवन श्री गणेश जी का चालीसा का पाठ करने से हमे यश, बुद्धि और मनोकामनाओं आपकी पूरी होती है और साथ ही जीवन के सभी क्षेत्रों से बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी हमेशा आप के साथ रहते है।
  • गणेश चालीसा का रोजना पाठ करने से व्यापार में आ रही बाधाओं को दूर कर व्यापार में तरकी मिलती है और साथ ही खोई हुई दौलत और शोहरत आपको वापस मिलती है धन वैभव की प्राप्ति के लिए।
  • सन्तान की प्राप्ति के लिए भी गणेश चालीसा का पाठ (Ganesh Chalisa से आप उससे कर सकते हैं) करना चाहिए क्युकी गणेश जी विघ्न विनाशक विघ्नहर्ता है।
  • गणेश जी को खुश करने से आपकी लंबी समय से हो रही बीमारी भी ठीक होने लगती है।
  • शत्रुओं का नाश भी करते है और आपकी रक्षा करते है गणेश जी।

गणेश जी रिद्धि-सिद्धि के दाता है और रिद्धि-सिद्धि शुभ-लाभ के प्रतीक है जिससे गणेश चालीसा का पाठ होने से आपके घर में हमेशा खुश और खुशहाली रहती है।

Ganesh Chalisa Aarti Video (श्री गणेश चालीसा)

गणेश चालीसा : FAQ

गणेश जी को खुश करने के उपाय ?

गणपति बप्पा को खुश करने का सबसे आसन उपाय बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा चालीसा का पाठ करे जिससे गणेश जी जल्दी प्रसन्न होते है।

गणेश जी को भोग में क्या लगाएं?

गणपति बप्पा खाने में सबसे प्रिय मोदक यानि बेसन लड्डू का भोग चढ़ने से गणपति बप्पा प्रसन्न होते है।

घर पर गणेश जी की पूजा कैसे करें?

भगवान गणेश को स्वच्छ मन से फूल, धूप, दीप, कपूर, मौली लाल, चंदन, रोली, और प्रसाद में मोदक आदि का भोग करें। इसके बाद गणपति बप्पा को सूखे सिंदूर का तिलक लगाएं। इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करे और पूजा करे लेकिन हमारा मनना है की अगर आप स्वच्छ मन से पूजा कैसे भी करते है तो भगवन जरुर प्रसन्न होते है क्युकी भगवन आपकी श्रद्धा भाव है देखते है।

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