Saraswati Chalisa In Hindi: सरस्वती चालीसा हिंदू देवी सरस्वती को समर्पित एक भक्ति भजन गीत है। यह ज्ञान, संगीत, कला और ज्ञान की देवी का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों के द्वारा की जाने वाली प्रार्थना है। विशेष रूप से छात्रों, विद्वानों और कलाकारों द्वारा उनके ज्ञान, रचनात्मकता और कौशल को बढ़ाने के लिये किया जाता है। जो सरस्वती के दिव्य गुणों की महिमा करता हैं
सरस्वती चालीसा की शुरुआत देवी सरस्वती के आह्वान से होती है, जिन्हें सफेद कमल पर विराजमान, वीणा धारण किए हुए और हंसों से घिरी हुई चित्रित किया गया है। पहला श्लोक देवी को ज्ञान के अवतार और सभी ज्ञान के स्रोत के रूप में वर्णित करता है, और जो अपने भक्तों को बुद्धि और रचनात्मकता प्रदान कर सकता है।
सरस्वती पूजा के दौरान अक्सर सरस्वती चालीसा का पाठ किया जाता है। त्योहार आमतौर पर माघ के हिंदू महीने के दौरान मनाया जाता है, जो जनवरी और फरवरी के बीच आता है, और पूरे भारत में स्कूलों, कॉलेजों और घरों में मनाया जाता है। पढ़े Brahma Chalisa
सरस्वती चालीसा – Saraswati Chalisa Hindi
Lyrics
॥ दोहा ॥
जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥
पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।
रामसागर के पाप को, मातु तुही अब हन्तु॥
॥ चौपाई ॥
जय श्रीसकल बुद्धि बलरासी।
जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥
जय जय जय वीणाकर धारी।
करती सदा सुहंस सवारी॥
रूप चतुर्भुजधारी माता।
सकल विश्व अन्दर विख्याता॥
जग में पाप बुद्धि जब होती।
जबहि धर्म की फीकी ज्योती॥
तबहि मातु ले निज अवतारा।
पाप हीन करती महि तारा॥
बाल्मीकि जी थे बहम ज्ञानी।
तव प्रसाद जानै संसारा॥
रामायण जो रचे बनाई।
आदि कवी की पदवी पाई॥
कालिदास जो भये विख्याता।
तेरी कृपा दृष्टि से माता॥
तुलसी सूर आदि विद्धाना।
भये और जो ज्ञानी नाना॥
तिन्हहिं न और रहेउ अवलम्बा।
केवल कृपा आपकी अम्बा॥
करहु कृपा सोइ मातु भवानी।
दुखित दीन निज दासहि जानी॥
पुत्र करै अपराध बहूता।
तेहि न धरइ चित सुन्दर माता॥
राखु लाज जननी अब मेरी।
विनय करूं बहु भांति घनेरी॥
मैं अनाथ तेरी अवलंबा।
कृपा करउ जय जय जगदंबा॥
मधु कैटभ जो अति बलवाना।
बाहुयुद्ध विष्णू ते ठाना॥
समर हजार पांच में घोरा।
फिर भी मुख उनसे नहिं मोरा॥
मातु सहाय भई तेहि काला।
बुद्धि विपरीत करी खलहाला॥
तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।
पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥
चंड मुण्ड जो थे विख्याता।
छण महुं संहारेउ तेहि माता॥
रक्तबीज से समरथ पापी।
सुर-मुनि हृदय धरा सब कांपी॥
काटेउ सिर जिम कदली खम्बा।
बार बार बिनवउं जगदंबा॥
जग प्रसिद्ध जो शुंभ निशुंभा।
छिन में बधे ताहि तू अम्बा॥
भरत-मातु बुधि फेरेउ जाई।
रामचन्द्र बनवास कराई॥
एहि विधि रावन वध तुम कीन्हा।
सुर नर मुनि सब कहुं सुख दीन्हा॥
को समरथ तव यश गुन गाना।
निगम अनादि अनंत बखाना॥
विष्णु रूद्र अज सकहिं न मारी।
जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥
रक्त दन्तिका और शताक्षी।
नाम अपार है दानव भक्षी॥
दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।
दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥
दुर्ग आदि हरनी तू माता।
कृपा करहु जब जब सुखदाता॥
नृप कोपित जो मारन चाहै।
कानन में घेरे मृग नाहै॥
सागर मध्य पोत के भंगे।
अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥
भूत प्रेत बाधा या दुःख में।
हो दरिद्र अथवा संकट में॥
नाम जपे मंगल सब होई।
संशय इसमें करइ न कोई॥
पुत्रहीन जो आतुर भाई।
सबै छांड़ि पूजें एहि माई॥
करै पाठ नित यह चालीसा।
होय पुत्र सुन्दर गुण ईसा॥
धूपादिक नैवेद्य चढावै।
संकट रहित अवश्य हो जावै॥
भक्ति मातु की करै हमेशा।
निकट न आवै ताहि कलेशा॥
बंदी पाठ करें शत बारा।
बंदी पाश दूर हो सारा॥
करहु कृपा भवमुक्ति भवानी।
मो कहं दास सदा निज जानी॥
॥ दोहा ॥
माता सूरज कान्ति तव,अंधकार मम रूप।
डूबन ते रक्षा करहु,परूं न मैं भव-कूप॥
बल बुद्धि विद्या देहुं मोहि,सुनहु सरस्वति मातु।
अधम रामसागरहिं तुम,आश्रय देउ पुनातु॥
सरस्वती चालीसा पढ़ने के फायदे (Saraswati Chalisa Padhne Ke Fayde)
- माता सरस्वती का सच्चे मन से ईमानदारी के साथ भक्ति करने से माँ आपको बुद्धि और ज्ञान के साथ याददाश्त में सुधार और बेहतर एकाग्रता प्रदान करती है ।
- सरस्वती चालीसा का पाठ (Saraswati Chalisa कर के आप कर सकते हैं) करने से माँ आपको सभी कामो में सफलता प्रदान करती है और आपकी प्रगति होती है ।
- सरस्वती चालीसा को किसी के जीवन में बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने के लिए भी माना जाता है। देवी सरस्वती को अज्ञानता और अंधकार को दूर करने वाला माना जाता है, और कहा जाता है कि उनका आशीर्वाद उन बाधाओं और चुनौतियों को दूर करता है जो किसी की प्रगति में बाधा बन सकती हैं।
- सरस्वती चालीसा का पाठ भी समृद्धि और बहुतायत लाने वाला माना जाता है। भजन किसी के जीवन में ज्ञान और शिक्षा के महत्व को स्वीकार करता है और इस बात पर जोर देता है कि देवी सरस्वती का आशीर्वाद सफलता और समृद्धि ला सकता है।
- माना जाता है कि सरस्वती चालीसा का पाठ रचनात्मकता को प्रोत्साहित करता है और कलात्मक अभिव्यक्ति को प्रेरित करता है। देवी सरस्वती कला, संगीत और साहित्य से जुड़ी हुई हैं, और कहा जाता है कि उनका आशीर्वाद उनके भक्तों की रचनात्मक क्षमताओं को बढ़ाता है।
- चालीसा का पाठ करने से जीवन में अहंकार दूर होता है और आप ज्ञानी जैसा व्यवहार करते है ।
- माता सरस्वती का रोजाना पाठ करने से आपके जातक या जातिका वाले कुंडली में बुध ग्रह पे प्रभाव पडता है जिससे आपका बुध ग्रह मजबूत होता है और बुध ग्रह बुद्धि , वाणी , संगीत, व्यापार में बरकत लता है ।
Saraswati Chalisa Aarti Video (सरस्वती चालीसा)
सरस्वती चालीसा : FAQs
ॐ ऐं वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि इसे सरस्वती गायत्री मंत्र के रूप में भी कहा जाता है ऐसा माना जाता है की इस मंत्र का जाप परीक्षा एवं जीवन में सफलता के लिए शक्तिशाली सरस्वती मंत्र है
पुराण के माध्यम से कहा गया है कि ब्रह्मा और सरस्वती ने वन में पति-पत्नी के रूप में 100 सालो तक बिता चुके थे । इस दौरान ब्रह्मा और सरस्वती में प्रेम बना रहा। दोनों का एक बेटा भी हुआ। यह पुत्र स्वयंभू मनु के नाम से विख्यात हुआ।