Narmada Chalisa Hindi (श्री नर्मदा चालीसा): Arth Sahit

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Narmada Chalisa फिर आपका जब मन करे बिना इन्टरनेट के आप पढ़ सकते है और साथ ही आप उनका अर्थ भी समझ सकते है हमने दोनों उपलब्ध करा दिया है।
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Name Narmada Chalisa : श्री नर्मदा चालीसा
Category Chalisa
No. Of Pages 3
Size 1M
Source ChalisaPDF.in

Narmada Chalisa In Hindi: नर्मदा चालीसा नर्मदा नदी को समर्पित एक भक्तिपूर्ण भजन है, जिसे भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है। नर्मदा नदी लाखों हिंदुओं द्वारा एक देवी के रूप में पूजनीय है और माना जाता है कि यह आत्मा को शुद्ध करती है और इसके जल में स्नान करने वालों को आशीर्वाद देती है। नर्मदा चालीसा भक्ति कविता का एक रूप है जिसे नर्मदा नदी की स्तुति में गाया या गाया जाता है, और माना जाता है कि यह भक्त को शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उत्थान प्रदान करता है।

नर्मदा चालीसा 40 छंदों से बना है, प्रत्येक छंद नर्मदा नदी की सुंदरता और महानता का वर्णन करता है। चालीसा की शुरुआत भगवान शिव के आह्वान से होती है, जिन्हें नर्मदा नदी का स्वामी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने नर्मदा नदी के उद्गम स्थल पर निवास किया था, और नदी की यात्रा करने वालों द्वारा उनका आशीर्वाद मांगा जाता है।

चालीसा में, देवी को अनंत करुणा के स्रोत के रूप में वर्णित किया गया है, जो अपने भक्तों को उनकी कठिनाइयों को दूर करने और उनकी इच्छाओं को पूरा करने में मदद करती हैं। चालीसा में नर्मदा नदी के पवित्र जल में डुबकी लगाने के विभिन्न लाभों और देवी नर्मदा की पूजा करने के महत्व का भी वर्णन है।

कुल मिलाकर, नर्मदा चालीसा एक सुंदर भजन है जो देवी नर्मदा की महिमा और शक्ति का जश्न मनाता है, और उनके आशीर्वाद और सुरक्षा का आह्वान करने के लिए एक शक्तिशाली साधन माना जाता है।

श्री नर्मदा चालीसा – Narmada Chalisa In Hindi

Lyrics

॥ दोहा ॥

देवि पूजिता नर्मदा, महिमा बड़ी अपार।

चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥

इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान।

तट पर कर जप दान नर, पाते हैं नित ज्ञान॥

॥ चौपाई ॥

जय-जय-जय नर्मदा भवानी। तुम्हरी महिमा सब जग जानी॥

अमरकण्ठ से निकलीं माता। सर्व सिद्धि नव निधि की दाता॥

कन्या रूप सकल गुण खानी। जब प्रकटीं नर्मदा भवानी॥

सप्तमी सूर्य मकर रविवारा। अश्वनि माघ मास अवतारा॥

वाहन मकर आपको साजैं। कमल पुष्प पर आप विराजैं॥

ब्रह्मा हरि हर तुमको ध्यावैं। तब ही मनवांछित फल पावैं॥

दर्शन करत पाप कटि जाते। कोटि भक्त गण नित्य नहाते॥

जो नर तुमको नित ही ध्यावै। वह नर रुद्र लोक को जावैं॥

मगरमच्छ तुम में सुख पावैं। अन्तिम समय परमपद पावैं॥

मस्तक मुकुट सदा ही साजैं। पांव पैंजनी नित ही राजैं॥

कल-कल ध्वनि करती हो माता। पाप ताप हरती हो माता॥

पूरब से पश्चिम की ओरा। बहतीं माता नाचत मोरा॥

शौनक ऋषि तुम्हरौ गुण गावैं। सूत आदि तुम्हरौ यश गावैं॥

शिव गणेश भी तेरे गुण गावैं। सकल देव गण तुमको ध्यावैं॥

कोटि तीर्थ नर्मदा किनारे। ये सब कहलाते दु:ख हारे॥

मनोकामना पूरण करती। सर्व दु:ख माँ नित ही हरतीं॥

कनखल में गंगा की महिमा। कुरुक्षेत्र में सरसुती महिमा॥

पर नर्मदा ग्राम जंगल में। नित रहती माता मंगल में॥

एक बार करके असनाना। तरत पीढ़ी है नर नाना॥

मेकल कन्या तुम ही रेवा। तुम्हरी भजन करें नित देवा॥

जटा शंकरी नाम तुम्हारा। तुमने कोटि जनों को तारा॥

समोद्भवा नर्मदा तुम हो। पाप मोचनी रेवा तुम हो॥

तुम महिमा कहि नहिं जाई। करत न बनती मातु बड़ाई॥

जल प्रताप तुममें अति माता। जो रमणीय तथा सुख दाता॥

चाल सर्पिणी सम है तुम्हारी। महिमा अति अपार है तुम्हारी॥

तुम में पड़ी अस्थि भी भारी। छुवत पाषाण होत वर वारी॥

यमुना में जो मनुज नहाता। सात दिनों में वह फल पाता॥

सरसुति तीन दिनों में देतीं। गंगा तुरत बाद ही देतीं॥

पर रेवा का दर्शन करके। मानव फल पाता मन भर के॥

तुम्हरी महिमा है अति भारी। जिसको गाते हैं नर-नारी॥

जो नर तुम में नित्य नहाता। रुद्र लोक मे पूजा जाता॥

जड़ी बूटियां तट पर राजें। मोहक दृश्य सदा ही साजें॥

वायु सुगन्धित चलती तीरा। जो हरती नर तन की पीरा॥

घाट-घाट की महिमा भारी। कवि भी गा नहिं सकते सारी॥

नहिं जानूँ मैं तुम्हरी पूजा। और सहारा नहीं मम दूजा॥

हो प्रसन्न ऊपर मम माता। तुम ही मातु मोक्ष की दाता॥

जो मानव यह नित है पढ़ता। उसका मान सदा ही बढ़ता॥

जो शत बार इसे है गाता। वह विद्या धन दौलत पाता॥

अगणित बार पढ़ै जो कोई। पूरण मनोकामना होई॥

सबके उर में बसत नर्मदा। यहां वहां सर्वत्र नर्मदा॥

॥ दोहा ॥

भक्ति भाव उर आनि के, जो करता है जाप।

माता जी की कृपा से, दूर होत सन्ताप॥

Narmada Chalisa Lyrics Video (श्री नर्मदा चालीसा)

नर्मदा चालीसा पाठ करने के लाभ

नर्मदा चालीसा नर्मदा नदी को समर्पित एक भक्ति स्तोत्र है, जिसे हिंदू धर्म में एक पवित्र नदी माना जाता है। नर्मदा चालीसा पढ़ने से कई लाभ होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • नर्मदा चालीसा का पाठ (Narmada Chalisa Ka Paath) करने से पाठक के मन और आत्मा की शुद्धि होती है, साथ ही वातावरण भी शुद्ध होता है।
  • ऐसा कहा जाता है कि नर्मदा चालीसा को भक्ति और विश्वास के साथ पढ़ने से नर्मदा नदी से आशीर्वाद मिल सकता है, और व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव का अनुभव कर सकता है।
  • माना जाता है कि नर्मदा चालीसा नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती है, और पाठक को बाधाओं और चुनौतियों से उबरने में मदद कर सकती है।
  • नर्मदा चालीसा पढ़ने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, और बीमारियों और बीमारियों के उपचार में मदद मिल सकती है।

कुल मिलाकर, नर्मदा चालीसा (जिसे आप Narmada Chalisa से जब मन करे पढ़ सकते है) को भक्ति और विश्वास के साथ पढ़ने से शुद्धि, आशीर्वाद, सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास सहित कई लाभ मिल सकते हैं।

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