Shri Mahalakshmi Chalisa In Hindi ( महालक्ष्मी चालीसा): Lyrics, Path

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महालक्ष्मी चालीसा माँ महालक्ष्मी को समर्पित है और यह आर्टिकल भी; जहाँ हमने Mahalakshmi Chalisa Hindi में उपलब्ध कराने की कोशिश किया है
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Name Shri Mahalakshmi Chalisa : महालक्ष्मी चालीसा
Category Chalisa
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Source ChalisaPDF.in

Mahalakshmi Chalisa: महालक्ष्मी चालीसा देवी महालक्ष्मी को समर्पित एक प्रार्थना है, जिन्हें धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। चालीसा हिंदी में लिखी गई है और इसमें चालीस छंद हैं, प्रत्येक में देवी के एक विशेष पहलू का वर्णन है। चालीसा का पाठ भक्तों द्वारा देवी का आशीर्वाद लेने और अपने जीवन में धन और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए किया जाता है।

महालक्ष्मी चालीसा अर्थ

महालक्ष्मी चालीसा की शुरुआत देवी के आह्वान से होती है, जिसमें उनकी सुंदरता, कृपा और परोपकार की प्रशंसा की जाती है। चालीसा का पहला श्लोक पढ़ता है:

पहला पंक्ति का अर्थ

हे महालक्ष्मी, हम आपको नमन करते हैं और आपका आशीर्वाद चाहते हैं। जो लोग आपका ध्यान करते हैं उन्हें धन, सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

चालीसा तब देवी के विभिन्न रूपों, जैसे वैष्णवी, शक्ति और लक्ष्मी का वर्णन करती है। छंद भी देवी के विभिन्न नामों का वर्णन करते हैं, जैसे पद्मावती, कमला और विष्णुप्रिया। चालीसा देवी की असीम करुणा और दया, और अपने भक्तों को धन और समृद्धि प्रदान करने की क्षमता के लिए उनकी स्तुति करती है। महालक्ष्मी चालीसा में देवी से जुड़े विभिन्न प्रतीकों का भी वर्णन किया गया है, जैसे कमल का फूल, जो पवित्रता और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है, और शंख, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। छंदों में देवी के पर्वत का भी उल्लेख है, जो उल्लू है, और उनकी पत्नी, भगवान विष्णु, जिन्हें ब्रह्मांड का रक्षक माना जाता है।

चालीसा भी देवी में भक्ति और विश्वास के महत्व पर जोर देती है। छंद उन विभिन्न तरीकों का वर्णन करते हैं जिनमें देवी की पूजा की जा सकती है, जैसे कि ध्यान के माध्यम से, उनके नाम का जाप करना और प्रार्थना और प्रसाद चढ़ाना। चालीसा भक्तों से देवी में विश्वास रखने और उनकी दिव्य इच्छा के प्रति समर्पण करने का आग्रह करती है। महालक्ष्मी चालीसा का समापन देवी के आशीर्वाद और सुरक्षा के लिए प्रार्थना के साथ होता है। चालीसा का अंतिम छंद पढ़ता है:

अंतिम पंक्ति का अर्थ

हे महालक्ष्मी, हम आपको नमन करते हैं और आपका आशीर्वाद चाहते हैं। जो लोग आपका ध्यान करते हैं उन्हें धन, सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa से आप पढ़ सकते है) एक शक्तिशाली प्रार्थना है जिसके बारे में माना जाता है कि यह उन लोगों के जीवन में धन और समृद्धि को आकर्षित करती है जो भक्ति और विश्वास के साथ इसका पाठ करते हैं। चालीसा का पाठ अक्सर दीवाली और नवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान, और अन्य शुभ अवसरों जैसे शादियों और गृहप्रवेश समारोहों के दौरान किया जाता है। महालक्ष्मी चालीसा के अलावा, देवी को समर्पित अन्य प्रार्थनाएँ भी हैं, जैसे लक्ष्मी सहस्रनाम और लक्ष्मी अष्टकम। यह भी माना जाता है कि ये प्रार्थनाएँ उन लोगों को धन और समृद्धि प्रदान करती हैं जो उन्हें भक्ति के साथ पढ़ते हैं। Maha Laxmi Chalisa Likha Hua है भी उपलब्ध है ।

महालक्ष्मी चालीसा – Mahalakshmi Chalisa Hindi

Mahalakshmi Chalisa Lyrics In Hindi

॥ दोहा ॥

जय जय श्री महालक्ष्मी, करूँ मात तव ध्यान।

सिद्ध काज मम किजिये, निज शिशु सेवक जान॥

॥ चौपाई ॥

नमो महा लक्ष्मी जय माता। तेरो नाम जगत विख्याता॥

आदि शक्ति हो मात भवानी। पूजत सब नर मुनि ज्ञानी॥

जगत पालिनी सब सुख करनी। निज जनहित भण्डारण भरनी॥

श्वेत कमल दल पर तव आसन। मात सुशोभित है पद्मासन॥

श्वेताम्बर अरू श्वेता भूषण। श्वेतही श्वेत सुसज्जित पुष्पन॥

शीश छत्र अति रूप विशाला। गल सोहे मुक्तन की माला॥

सुंदर सोहे कुंचित केशा। विमल नयन अरु अनुपम भेषा॥

कमलनाल समभुज तवचारि। सुरनर मुनिजनहित सुखकारी॥

अद्भूत छटा मात तव बानी। सकलविश्व कीन्हो सुखखानी॥

शांतिस्वभाव मृदुलतव भवानी। सकल विश्वकी हो सुखखानी॥

महालक्ष्मी धन्य हो माई। पंच तत्व में सृष्टि रचाई॥

जीव चराचर तुम उपजाए। पशु पक्षी नर नारी बनाए॥

क्षितितल अगणित वृक्ष जमाए। अमितरंग फल फूल सुहाए॥

छवि विलोक सुरमुनि नरनारी। करे सदा तव जय-जय कारी॥

सुरपति औ नरपत सब ध्यावैं। तेरे सम्मुख शीश नवावैं॥

चारहु वेदन तब यश गाया। महिमा अगम पार नहिं पाये॥

जापर करहु मातु तुम दाया। सोइ जग में धन्य कहाया॥

पल में राजाहि रंक बनाओ। रंक राव कर बिमल न लाओ॥

जिन घर करहु माततुम बासा। उनका यश हो विश्व प्रकाशा॥

जो ध्यावै से बहु सुख पावै। विमुख रहे हो दुख उठावै॥

महालक्ष्मी जन सुख दाई। ध्याऊं तुमको शीश नवाई॥

निज जन जानीमोहीं अपनाओ। सुखसम्पति दे दुख नसाओ॥

ॐ श्री-श्री जयसुखकी खानी। रिद्धिसिद्ध देउ मात जनजानी॥

ॐह्रीं-ॐह्रीं सब व्याधिहटाओ। जनउन विमल दृष्टिदर्शाओ॥

ॐक्लीं-ॐक्लीं शत्रुन क्षयकीजै। जनहित मात अभय वरदीजै॥

ॐ जयजयति जयजननी। सकल काज भक्तन के सरनी॥

ॐ नमो-नमो भवनिधि तारनी। तरणि भंवर से पार उतारनी॥

सुनहु मात यह विनय हमारी। पुरवहु आशन करहु अबारी॥

ऋणी दुखी जो तुमको ध्यावै। सो प्राणी सुख सम्पत्ति पावै॥

रोग ग्रसित जो ध्यावै कोई। ताकी निर्मल काया होई॥

विष्णु प्रिया जय-जय महारानी। महिमा अमित न जाय बखानी॥

पुत्रहीन जो ध्यान लगावै। पाये सुत अतिहि हुलसावै॥

त्राहि त्राहि शरणागत तेरी। करहु मात अब नेक न देरी॥

आवहु मात विलम्ब न कीजै। हृदय निवास भक्त बर दीजै॥

जानूं जप तप का नहिं भेवा। पार करो भवनिध वन खेवा॥

बिनवों बार-बार कर जोरी। पूरण आशा करहु अब मोरी॥

जानि दास मम संकट टारौ। सकल व्याधि से मोहिं उबारौ॥

जो तव सुरति रहै लव लाई। सो जग पावै सुयश बड़ाई॥

छायो यश तेरा संसारा। पावत शेष शम्भु नहिं पारा॥

गोविंद निशदिन शरण तिहारी। करहु पूरण अभिलाष हमारी॥

॥ दोहा ॥

महालक्ष्मी चालीसा, पढ़ै सुनै चित लाय।

ताहि पदारथ मिलै, अब कहै वेद अस गाय॥

महालक्ष्मी चालीसा के लाभ (Mahalaxmi Chalisa Paath Ke Fayde)

महालक्ष्मी चालीसा, देवी महालक्ष्मी को समर्पित एक भजन है, जिन्हें धन, समृद्धि और भाग्य की देवी माना जाता है। महालक्ष्मी चालीसा पढ़ने के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • धन और समृद्धि को आकर्षित करना: देवी महालक्ष्मी धन और समृद्धि का अवतार हैं। महालक्ष्मी चालीसा का भक्तिपूर्वक पाठ करने से व्यक्ति अपने जीवन में धन और समृद्धि को आकर्षित कर सकता है।
  • बाधाओं को दूर करना: महालक्ष्मी चालीसा उन बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने में मदद कर सकती है जो आपकी प्रगति में बाधा बन सकती हैं। चालीसा पढ़कर, कोई भी देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद अपने रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा को दूर करने के लिए प्राप्त कर सकता है।
  • सौभाग्य लाना: माना जाता है कि महालक्ष्मी चालीसा उन लोगों के लिए सौभाग्य और भाग्य लाती है जो इसे विश्वास और भक्ति के साथ पढ़ते हैं।
  • आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देना: महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) आध्यात्मिक विकास के लिए एक शक्तिशाली साधन है। यह देवी के प्रति भक्ति और विश्वास विकसित करने में मदद करता है, जो अंततः स्वयं और ब्रह्मांड की गहरी समझ पैदा कर सकता है।
  • मानसिक शांति प्रदान करता है: महालक्ष्मी चालीसा भी मानसिक शांति और मन को शांति प्रदान कर सकती है। चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति तनाव और चिंता के स्तर को कम कर सकता है और आंतरिक शांति की भावना का अनुभव कर सकता है।

कुल मिलाकर, महालक्ष्मी चालीसा को भक्ति और विश्वास के साथ पढ़ने से भौतिक और आध्यात्मिक कल्याण सहित कई लाभ मिल सकते हैं।

Mahalakshmi Chalisa Video (श्री महालक्ष्मी चालीसा)

महालक्ष्मी चालीसा : FAQs

महालक्ष्मी और लक्ष्मी में क्या अंतर है?

महालक्ष्मी और लक्ष्मी दोनों धन, समृद्धि और भाग्य की हिंदू देवी के नाम हैं। हालाँकि, महालक्ष्मी शक्ति और भव्यता से जुड़ी लक्ष्मी का एक अधिक विशिष्ट रूप है, जबकि लक्ष्मी उनके सामान्य गुणों को संदर्भित करती है। महालक्ष्मी को अक्सर चार भुजाओं के रूप में चित्रित किया जाता है, जबकि लक्ष्मी की दो या चार भुजाएँ हो सकती हैं।

महालक्ष्मी के कितने रूप होते हैं?

महालक्ष्मी के कुछ लोकप्रिय रूपों में महा लक्ष्मी, भूदेवी, श्रीदेवी, पद्मावती, वैष्णवी, गजलक्ष्मी, अष्ट लक्ष्मी और कमला शामिल हैं। महालक्ष्मी का प्रत्येक रूप धन, समृद्धि और बहुतायत के एक विशिष्ट पहलू का प्रतिनिधित्व करता है। महालक्ष्मी की पूजा पूरे भारत में व्यापक रूप से की जाती है, खासकर दीवाली और नवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान।

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