Khatu Shyam Chalisa In Hindi (खाटूश्यामजी चालीसा): Lyrics, Aarti Sahit

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Khatu Shyam Chalisa फिर आपका जब मन करे बिना इन्टरनेट के आप पढ़ सकते है और साथ ही आप उनका अर्थ भी समझ सकते है हमने दोनों उपलब्ध करा दिया है।
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Name Khatu Shyam Chalisa : खाटूश्यामजी चालीसा
Category Chalisa
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Khatu Shyam Chalisa Hindi: खाटू श्याम चालीसा एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो खाटू श्याम को समर्पित है, जो हिंदुओं में एक पूजनीय देवता हैं। खाटू श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है, और उन्हें कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे बर्बरीक, शीश के दानी और हरे का सहारा। खाटू श्याम चालीसा उनके भक्तों द्वारा उनका आशीर्वाद लेने और उनके जीवन में बाधाओं को दूर करने के तरीके के रूप में पढ़ा जाता है।

श्री खाटूश्यामजी चालीसा और आरती

खाटू श्याम जी का चालीसा (Khatu Shyam Chalisa Lyrics)

दोहा

श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द।

श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चैपाई छन्द।।

चौपाई

श्याम श्याम भजि बारम्बारा,सहज ही हो भवसागर पारा।

इन सम देव न दूजा कोई, दीन दयालु न दाता होई।


भीमसुपुत्र अहिलवती जाया, कहीं भीम का पौत्र कहाया।

यह सब कथा सही कल्पान्तर, तनिक न मानों इनमें अन्तर।


बर्बरीक विष्णु अवतारा, भक्तन हेतु मनुज तनु धारा।

वसुदेव देवकी प्यारे, यशुमति मैया नन्द दुलारे।


मधुसूदन गोपाल मुरारी, बृजकिशोर गोवर्धन धारी।

सियाराम श्री हरि गोविन्दा, दीनपाल श्री बाल मुकुन्दा।


दामोदर रणछोड़ बिहारी, नाथ द्वारिकाधीश खरारी।

नरहरि रूप प्रहलद प्यारा, खम्भ फारि हिरनाकुश मारा।


राधा वल्लभ रुक्मिणी कंता, गोपी बल्लभ कंस हनंता।

मनमोहन चितचोर कहाये, माखन चोरि चोरि कर खाये।


मुरलीधर यदुपति घनश्याम, कृष्ण पतितपावन अभिराम।

मायापति लक्ष्मीपति ईसा, पुरुषोत्तम केशव जगदीशा।


विश्वपति त्रिभुवन उजियारा, दीनबन्धु भक्तन रखवारा।

प्रभु का भेद कोई न पाया, शेष महेश थके मुनियारा।


नारद शारद ऋषि योगिन्दर, श्याम श्याम सब रटत निरन्तर।

कवि कोविद करि सके न गिनन्ता, नाम अपार अथाह अनन्ता।


हर सृष्टि हर युग में भाई, ले अवतार भक्त सुखदाई।

हृदय माँहि करि देखु विचारा, श्याम भजे तो हो निस्तारा।


कीर पड़ावत गणिका तारी, भीलनी की भक्ति बलिहारी।

सती अहिल्या गौतम नारी, भई श्राप वश शिला दुखारी।


श्याम चरण रच नित लाई, पहुँची पतिलोक में जाई।

अजामिल अरु सदन कसाई, नाम प्रताप परम गति पाई।


जाके श्याम नाम अधारा, सुख लहहि दुख दूर हो सारा।

श्याम सुलोचन है अति सुन्दर, मोर मुकुट सिर तन पीताम्बर।


गल वैजयन्तिमाल सुहाई, छवि अनूप भक्तन मन भाई।

श्याम श्याम सुमिरहुं दिनराती, शाम दुपहरि अरु परभाती।


श्याम सारथी सिके रथ के, रोड़े दूर होय उस पथ के।

श्याम भक्त न कहीं पर हारा, भीर परि तब श्याम पुकारा।


रसना श्याम नाम पी ले, जी ले श्याम नाम के हाले।

संसारी सुख भोग मिलेगा, अन्त श्याम सुख योग मिलेगा।


श्याम प्रभु हैं तन के काले, मन के गोरे भोले भाले।

श्याम संत भक्तन हितकारी, रोग दोष अघ नाशै भारी।


प्रेम सहित जे नाम पुकारा, भक्त लगत श्याम को प्यारा।

खाटू में है मथुरा वासी, पार ब्रह्म पूरण अविनासी।


सुधा तान भरि मुरली बजाई, चहुं दिशि नाना जहाँ सुनि पाई।

वृद्ध बाल जेते नारी नर, मुग्ध भये सुनि वंशी के स्वर।

दौड़ दौड़ पहुँचे सब जाई, खाटू में जहाँ श्याम कन्हाई।

जिसने श्याम स्वरूप निहारा, भव भय से पाया छुटकारा।

दोहा

श्याम सलोने साँवरे, बर्बरीक तनु धार।

इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार।।

हरे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा

खाटू श्याम चालीसा पढने के फायदे (Khatu Shyam Chalisa Padhne Ke Fayde)

  • खाटू श्याम चालीसा का नियमित रूप से जाप करने से किसी के जीवन में आंतरिक शांति और सद्भाव आता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान अपने भक्तों को शांति का आशीर्वाद देते हैं और उन्हें तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करते हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि शुद्ध हृदय और भक्ति के साथ खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की इच्छाओं और इच्छाओं को पूरा करने में मदद मिल सकती है। देवता अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।

श्री खाटू श्याम जी को कौन-कौन नामो से पुकारा जाता है ?

हाँ, यह सही है। श्री खाटू श्याम (Khatu Shyam Chalisa) जी अपने भक्तों के बीच कई नामों से जाने जाते हैं। यहाँ कुछ लोकप्रिय नाम और उनके अर्थ दिए गए हैं:

श्याम बाबा: श्याम बाबा भगवान खाटू श्याम के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे आम नामों में से एक है। “श्याम” शब्द का अर्थ गहरा या काला होता है और यह भगवान कृष्ण का संदर्भ है, जिनके साथ खाटू श्याम को जुड़ा हुआ माना जाता है।

बर्बरीक: बर्बरीक खाटू श्याम का दूसरा नाम है। ऐसा माना जाता है कि यह “बारबरी” शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है खानाबदोश जनजाति। कुछ किंवदंतियों के अनुसार, खाटू श्याम अपने नश्वर जीवन में इसी जनजाति के थे।

शीश के दानी: शीश के दानी का अर्थ है अपना सिर देने वाला। ऐसा माना जाता है कि खाटू श्याम ने महाभारत युद्ध के दौरान अपना सिर भगवान कृष्ण को बलि के रूप में चढ़ाया था। बदले में, भगवान कृष्ण ने उन्हें अमरता का आशीर्वाद दिया था।

खाटू नरेश : खाटू नरेश का अर्थ है खाटू का राजा। ऐसा माना जाता है कि खाटू श्याम राजस्थान के खाटू शहर में प्रकट हुए और वहां के शासक बने।

फाल्गुन सखा: फाल्गुन सखा फाल्गुन के महीने के साथ भगवान खाटू श्याम के जुड़ाव का एक संदर्भ है, जो फरवरी या मार्च में आता है। कुछ किंवदंतियों के अनुसार, फाल्गुन के महीने में शुक्ल पक्ष की 12वीं तिथि को खाटू श्याम प्रकट हुए थे।

Khatu Shyam Chalisa Aur Aarti Video

खाटूश्यामजी चालीसा : FAQs

खाटू श्याम को हारे का सहारा क्यों कहा जाता है?

बर्बरीक से प्रसन्न होकर भगवान श्रीकृष्ण जी ने उनका नाम श्याम रखा और वरदान देते हुए कहा कि कलियुग में तुम मेरे नाम से ही पूजे जाओगे। आपकी पूजा से हारे हुए लोगों की मनोकामना पूरी होगी। श्री कृष्ण के वरदान के कारण खाटू श्याम जी हारे हारे के सहारे के रूप में प्रसिद्ध हुए।

खाटू श्याम किसके पुत्र थे?

भीम और अहिलावती के पुत्र घटोत्कच और घटोत्कच के पुत्र बर्बरिक थे।

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