Gopal Chalisa In Hindi (गोपाल चालीसा): Aarti, Lyrics

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Gopal Chalisa फिर आपका जब मन करे बिना इन्टरनेट के आप पढ़ सकते है और साथ ही आप उनका अर्थ भी समझ सकते है हमने दोनों उपलब्ध करा दिया है।
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Name Gopal Chalisa : गोपाल चालीसा
Category Chalisa
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Source ChalisaPDF.in

Gopal Chalisa In Hindi: गोपाल चालीसा भगवान कृष्ण को समर्पित एक भक्तिमय भजन है, जिन्हें गोपाल या लड्डू गोपाल के नाम से भी जाना जाता है। चालीसा भक्ति काव्य का एक रूप है जिसमें 40 छंद या दोहे होते हैं, और गोपाल चालीसा में भगवान कृष्ण की स्तुति में 40 छंद होते हैं।

“चालीसा” शब्द का हिंदी में शाब्दिक अर्थ “चालीस” है, और यह माना जाता है कि इन 40 श्लोकों को भक्ति और ईमानदारी के साथ पढ़ने से भक्त को आशीर्वाद, शांति और समृद्धि मिल सकती है। गोपाल चालीसा के छंद भगवान कृष्ण के दिव्य गुणों, उनकी लीलाओं (चमत्कारी कृत्यों) और उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं का वर्णन करते हैं।

गोपाल चालीसा भगवान कृष्ण के भक्तों के बीच लोकप्रिय है, और इसका पाठ अक्सर धार्मिक समारोहों, त्योहारों और अन्य शुभ अवसरों के दौरान किया जाता है। भजन को आध्यात्मिक उत्थान के लिए एक शक्तिशाली साधन माना जाता है और माना जाता है कि यह भक्तों को भगवान कृष्ण के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित करने में मदद करता है।

गोपाल चालीसा लिखित में – Gopal Chalisa In Hindi

Gopal Chalisa In Hindi Lyrics

॥ दोहा ॥

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।

वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल॥

॥ चौपाई ॥

जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी। दुष्ट दलन लीला अवतारी॥

जो कोई तुम्हरी लीला गावै। बिन श्रम सकल पदारथ पावै॥

श्री वसुदेव देवकी माता। प्रकट भये संग हलधर भ्राता॥

मथुरा सों प्रभु गोकुल आये। नन्द भवन में बजत बधाये॥

जो विष देन पूतना आई। सो मुक्ति दै धाम पठाई॥

तृणावर्त राक्षस संहार्यौ। पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ॥

खेल खेल में माटी खाई। मुख में सब जग दियो दिखाई॥

गोपिन घर घर माखन खायो। जसुमति बाल केलि सुख पायो॥

ऊखल सों निज अंग बँधाई। यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई॥

बका असुर की चोंच विदारी। विकट अघासुर दियो सँहारी॥

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये। मोहन को मोहन हित आये॥

बाल वत्स सब बने मुरारी। ब्रह्मा विनय करी तब भारी॥

काली नाग नाथि भगवाना। दावानल को कीन्हों पाना॥

सखन संग खेलत सुख पायो। श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो॥

चीर हरन करि सीख सिखाई। नख पर गिरवर लियो उठाई॥

दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों। राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों॥

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये। ग्वालन को निज लोक दिखाये॥

शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई। अति सुख दीन्हों रास रचाई॥

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो। शंखचूड़ को मूड़ गिरायो॥

हने अरिष्टा सुर अरु केशी। व्योमासुर मार्यो छल वेषी॥

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये। मारि कंस यदुवंश बसाये॥

मात पिता की बन्दि छुड़ाई। सान्दीपनि गृह विद्या पाई॥

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी। प्रेम देखि सुधि सकल भुलानी॥

कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी। हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी॥

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये। सुरन जीति सुरतरु महि लाये॥

दन्तवक्र शिशुपाल संहारे। खग मृग नृग अरु बधिक उधारे॥

दीन सुदामा धनपति कीन्हों। पारथ रथ सारथि यश लीन्हों॥

गीता ज्ञान सिखावन हारे। अर्जुन मोह मिटावन हारे॥

केला भक्त बिदुर घर पायो। युद्ध महाभारत रचवायो॥

द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो। गर्भ परीक्षित जरत बचायो॥

कच्छ मच्छ वाराह अहीशा। बावन कल्की बुद्धि मुनीशा॥

ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो। राम रुप धरि रावण मार्यो॥

जय मधु कैटभ दैत्य हनैया। अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया॥

ब्याध अजामिल दीन्हें तारी। शबरी अरु गणिका सी नारी॥

गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन। देहु दरश ध्रुव नयनानन्दन॥

देहु शुद्ध सन्तन कर सङ्गा। बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रङ्गा॥

देहु दिव्य वृन्दावन बासा। छूटै मृग तृष्णा जग आशा॥

तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद। शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद॥

जय जय राधारमण कृपाला। हरण सकल संकट भ्रम जाला॥

बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी। जो सुमरैं जगपति गिरधारी॥

जो सत बार पढ़ै चालीसा। देहि सकल बाँछित फल शीशा॥

॥ छन्द ॥

गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई।

सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई॥

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महँ चहैं।

‘जयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं॥

॥ दोहा ॥

प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा-सिन्धु ब्रजेश।

चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश॥

गोपाल चालीसा के लाभ (Gopal Chalisa Benefits)

  • नियमित रूप से गोपाल चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति की गहरी भावना विकसित कर सकता है और उनके साथ अपने आध्यात्मिक संबंध को मजबूत कर सकता है।
  • ऐसा माना जाता है की पुत्र प्राप्ति के लिए गोपाल चालीसा का पाठ करने से भी पुत्र की प्राप्ति होती है
  • गोपाल चालीसा का पाठ (Gopal Chalisa से कर सकते है) ध्यान का एक रूप माना जाता है, जो मन को शुद्ध करने और आंतरिक शांति लाने में मदद करता है।
  • गोपाल चालीसा का पाठ पापों और बुरे कर्मों को दूर करने के लिए कहा जाता है, इस प्रकार यह एक पुण्य जीवन जीने में मदद करता है।
  • ऐसा माना जाता है कि गोपाल चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से बचाया जा सकता है।
  • गोपाल चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से बाधाएं और चुनौतियां दूर हो जाती हैं। यह वित्तीय कठिनाइयों को दूर करने और समृद्धि लाने में भी मदद कर सकता है।

Gopal Chalisa Aarti Video (श्री गोपाल चालीसा)

गोपाल चालीसा : FAQ

लड्डू गोपाल को कौन सा रंग पसंद है?

लड्डू गोपाल (जिन्हें बाल गोपाल या कृष्ण के नाम से भी जाना जाता है) को रंगीन कपड़े और गहने पहने हुए दिखाया गया है। हालांकि ऐसा कोई खास रंग नहीं है जो लड्डू गोपाल को पसंद हो। ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण सभी रंगों को समान रूप से प्यार करते हैं और अक्सर उन्हें नीले, पीले, हरे और लाल जैसे विभिन्न रंगों के कपड़े पहने हुए दिखाया जाता है।

इसलिए, भक्त अपनी पसंद या अवसर के आधार पर लड्डू गोपाल को किसी भी रंग के वस्त्र अर्पित कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रेम, भक्ति और हृदय की पवित्रता के साथ वस्त्र अर्पित करें।

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