Baglamukhi Chalisa Hindi: बगलामुखी चालीसा देवी बगलामुखी को समर्पित एक भक्तिपूर्ण भजन है, जिन्हें हिंदू देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। भक्तों द्वारा देवी से आशीर्वाद और सुरक्षा पाने के लिए इस चालीसा का पाठ किया जाता है।
उनकी शक्तियों के विभिन्न पहलुओं का वर्णन करते हैं। भजन में उल्लेख किया गया है कि देवी वाणी, मन और बुद्धि की नियंत्रक हैं, और वह बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने वाली हैं। छंद भी देवी को ज्ञान और ज्ञान के स्रोत के रूप में और उनके भक्तों के रक्षक के रूप में वर्णित करते हैं।
शत्रु नाशक बगलामुखी Aarti का एक प्रमुख विषय शत्रुओं पर विजय का विचार है। भजन में देवी का वर्णन किया गया है जो अपने भक्तों के शत्रुओं का नाश करती हैं और उन्हें उनके सभी प्रयासों में विजय प्रदान करती हैं। छंदों में कहा गया है कि देवी में सबसे शक्तिशाली शत्रुओं को भी पराजित करने की शक्ति है, और वह अपने भक्तों की परम रक्षक हैं।
भजन भी देवी में भक्ति और विश्वास के महत्व पर जोर देता है। छंदों का वर्णन है कि कैसे देवी उन लोगों पर आशीर्वाद देती हैं जो उनकी ईमानदारी और भक्ति के साथ पूजा करते हैं। भजन भक्तों को देवी की प्रार्थना और प्रसाद चढ़ाने और अपने जीवन के सभी पहलुओं में उनका मार्गदर्शन लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।
बगलामुखी चालीसा का पाठ अक्सर विशेष अवसरों, जैसे त्योहारों और शुभ दिनों के दौरान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को सौभाग्य, सुरक्षा और सफलता मिल सकती है। जीवन में बाधाओं और कठिनाइयों पर काबू पाने के लिए भी भजन को एक शक्तिशाली साधन माना जाता है।
बगलामुखी चालीसा पाठ – Baglamukhi Chalisa In Hindi
Lyrics
॥ दोहा ॥
सिर नवाइ बगलामुखी,लिखूँ चालीसा आज।
कृपा करहु मोपर सदा,पूरन हो मम काज॥
॥ चौपाई ॥
जय जय जय श्री बगला माता।आदिशक्ति सब जग की त्राता॥
बगला सम तब आनन माता।एहि ते भयउ नाम विख्याता॥
शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी।अस्तुति करहिं देव नर-नारी॥
पीतवसन तन पर तव राजै।हाथहिं मुद्गर गदा विराजै॥
तीन नयन गल चम्पक माला।अमित तेज प्रकटत है भाला॥
रत्न-जटित सिंहासन सोहै।शोभा निरखि सकल जन मोहै॥
आसन पीतवर्ण महारानी।भक्तन की तुम हो वरदानी॥
पीताभूषण पीतहिं चन्दन।सुर नर नाग करत सब वन्दन॥
एहि विधि ध्यान हृदय में राखै।वेद पुराण सन्त अस भाखै॥
अब पूजा विधि करौं प्रकाशा।जाके किये होत दुख-नाशा॥
प्रथमहिं पीत ध्वजा फहरावै।पीतवसन देवी पहिरावै॥
कुंकुम अक्षत मोदक बेसन।अबिर गुलाल सुपारी चन्दन॥
माल्य हरिद्रा अरु फल पाना।सबहिं चढ़इ धरै उर ध्याना॥
धूप दीप कर्पूर की बाती।प्रेम-सहित तब करै आरती॥
अस्तुति करै हाथ दोउ जोरे।पुरवहु मातु मनोरथ मोरे॥
मातु भगति तब सब सुख खानी।करहु कृपा मोपर जनजानी॥
त्रिविध ताप सब दु:ख नशावहु।तिमिर मिटाकर ज्ञान बढ़ावहु॥
बार-बार मैं बिनवउँ तोहीं।अविरल भगति ज्ञान दो मोहीं॥
पूजनान्त में हवन करावै।सो नर मनवांछित फल पावै॥
सर्षप होम करै जो कोई।ताके वश सचराचर होई॥
तिल तण्डुल संग क्षीर मिरावै।भक्ति प्रेम से हवन करावै॥
दु:ख दरिद्र व्यापै नहिं सोई।निश्चय सुख-संपति सब होई॥
फूल अशोक हवन जो करई।ताके गृह सुख-सम्पत्ति भरई॥
फल सेमर का होम करीजै।निश्चय वाको रिपु सब छीजै॥
गुग्गुल घृत होमै जो कोई।तेहि के वश में राजा होई॥
गुग्गुल तिल सँग होम करावै।ताको सकल बन्ध कट जावै॥
बीजाक्षर का पाठ जो करहीं।बीजमन्त्र तुम्हरो उच्चरहीं॥
एक मास निशि जो कर जापा।तेहि कर मिटत सकल सन्तापा॥
घर की शुद्ध भूमि जहँ होई।साधक जाप करै तहँ सोई॥
सोइ इच्छित फल निश्चय पावै।जामे नहिं कछु संशय लावै॥
अथवा तीर नदी के जाई।साधक जाप करै मन लाई॥
दस सहस्र जप करै जो कोई।सकल काज तेहि कर सिधि होई॥
जाप करै जो लक्षहिं बारा।ताकर होय सुयश विस्तारा॥
जो तव नाम जपै मन लाई।अल्पकाल महँ रिपुहिं नसाई॥
सप्तरात्रि जो जापहिं नामा।वाको पूरन हो सब कामा॥
नव दिन जाप करे जो कोई।व्याधि रहित ताकर तन होई॥
ध्यान करै जो बन्ध्या नारी।पावै पुत्रादिक फल चारी॥
प्रातः सायं अरु मध्याना।धरे ध्यान होवै कल्याना॥
कहँ लगि महिमा कहौं तिहारी।नाम सदा शुभ मंगलकारी॥
पाठ करै जो नित्य चालीसा।तेहि पर कृपा करहिं गौरीशा॥
॥ दोहा ॥
सन्तशरण को तनय हूँ,कुलपति मिश्र सुनाम।
हरिद्वार मण्डल बसूँ,धाम हरिपुर ग्राम॥
उन्नीस सौ पिचानबे सन् की,श्रावण शुक्ला मास।
चालीसा रचना कियौं,तव चरणन को दास॥
बगलामुखी चालीसा के फायदे (Baglamukhi Chalisa Padhne Ke Fayde)
बगलामुखी चालीसा का एक प्रमुख विषय शत्रुओं पर विजय का विचार है। भजन में देवी का वर्णन किया गया है जो अपने भक्तों के शत्रुओं का नाश करती हैं और उन्हें उनके सभी प्रयासों में विजय प्रदान करती हैं। माना जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और विजयी होने में मदद मिलती है।
बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa से आप पढ़ सकते है) में भक्त की बुद्धि और ज्ञान को बढ़ाने की शक्ति होती है। Baglamukhi Mata देवी के आशीर्वाद का आह्वान करके, भक्त अपने आसपास की दुनिया की गहरी समझ हासिल कर सकते हैं और समझदार निर्णय ले सकते हैं।
भजन भी वाणी, मन और बुद्धि के नियंत्रक के रूप में देवी का वर्णन करता है। माना जाता है कि बगलामुखी चालीसा का पाठ करने से भक्त के संचार कौशल में सुधार होता है, जिससे वे खुद को अधिक स्पष्ट और प्रभावी ढंग से व्यक्त कर पाते हैं।
Baglamukhi Chalisa Lyrics Video (माँ बगलामुखी चालीसा)
माँ बगलामुखी चालीसा : FAQs
माता बगलामुखी का यह मंदिर मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा कस्बे में लखुंदर नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर तीन मुख वाली त्रिशक्ति बगलामुखी देवी को समर्पित है। माना जाता है कि द्वापर युग से चला आ रहा यह मंदिर भी बेहद चमत्कारी है।
दस महाविद्याओं में आठवां स्वरूप माता बगलामुखी का है। उसका ध्यान बगुला पक्षी की तरह एकाग्र होता है। इसलिए इन्हें बगलामुखी कहा जाता है। शत्रु पर विजय, राजनीतिक विजय, संतान की शिक्षा, मुकदमों में विजय के लिए माता की विशेष रूप से पूजा की जाती है।