Baba Balak Nath Chalisa In Hindi: बाबा बालक नाथ चालीसा बाबा बालक नाथ को समर्पित एक भजन है, जो एक श्रद्धेय हिंदू संत और देवता हैं, जिनकी पूजा मुख्य रूप से उत्तरी भारतीय राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर में की जाती है। चालीसा एक भक्ति गीत है जिसमें 40 छंद हैं (हिंदी में चालीसा का अर्थ 40 है) जो बाबा बालक नाथ की स्तुति और आशीर्वाद मांगते हैं।
बाबा बालक नाथ को भगवान शिव का अवतार माना जाता है, और उन्हें एक शक्तिशाली और परोपकारी देवता माना जाता है जो अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं। चालीसा का पाठ भक्तों द्वारा अपनी भक्ति व्यक्त करने और जीवन में सुरक्षा, स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता के लिए उनका आशीर्वाद लेने के लिए किया जाता है।
चालीसा बाबा बालक नाथ के विभिन्न दिव्य गुणों और कार्यों का वर्णन करती है, और उनकी शक्ति, ज्ञान और करुणा की प्रशंसा करती है। ऐसा माना जाता है कि भक्ति और ईमानदारी के साथ चालीसा का पाठ करने से किसी के जीवन में शांति, खुशी और पूर्णता आ सकती है, और विभिन्न बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
बाबा बालक नाथ चालीसा उनके भक्तों के बीच एक लोकप्रिय भक्ति गीत है, और अक्सर उन्हें समर्पित धार्मिक समारोहों और त्योहारों के दौरान सुनाया जाता है।
बाबा बालक नाथ चालीसा – Baba Balak Nath Chalisa Hindi
दोहा
गुरु चरणों में सीस धर करूँ मैं प्रथम प्रणाम,
बख्शो मुझको बाहुबल सेव करुं निष्काम,
रोम-रोम में रम रहा रूप तुम्हारा नाथ,
दूर करो अवगुण मेरे, पकड़ो मेरा हाथ
चालीसा
बालक नाथ ज्ञान भंडारा,
दिवस-रात जपु नाम तुम्हारा
तुम हो जपी-तपी अविनाशी,
तुम ही हो मथुरा काशी
तुम्हरा नाम जपे नर-नारी,
तुम हो सब भक्तन हितकारी
तुम हो शिव शंकर के दासा,
पर्वत लोक तुमरा वासा
सर्वलोक तुमरा यश गावे,
ऋषि-मुनि तव नाम ध्यावे
काँधे पर मृगशाला विराजे,
हाथ में सुन्दर चिमटा साजे
सूरज के सम तेज तुम्हारा,
मन मंदिर में करे उजियारा
बाल रूप धर गऊ चरावे,
रत्नों की करी दूर वलावें
अमर कथा सुनने को रसिया,
महादेव तुमरे मन बसिया
शाह तलाईयाँ आसन लाए,
जिस्म विभूति जटा रमाए
रत्नों का तू पुत्र कहाया,
जिमींदारों ने बुरा बनाया
ऐसा चमत्कार दिखलाया,
सब के मन का रोग गवाया
रिद्धि-सिद्धि नव-निधि के दाता,
मात लोक के भाग्य विधाता
जो नर तुम्हरा नाम धयावे,
जन्म-जन्म के दुख बिसरावे
अंतकाल जो सिमरन करहि,
सो नर मुक्ति भाव से मरहि
संकट कटे मिटे सब रोगा,
बालक नाथ जपे जो लोगा
लक्ष्मी पुत्र शिव भक्त कहाया,
बालक नाथ जन्म प्रगटाया
दूधाधारी सिर जटा रमाए,
अंग विभूति का बटना लाए
कानन मुंदरां नैनन मस्ती,
दिल विच वस्से तेरी हस्ती
अद्धभुत तेज प्रताप तुम्हारा,
घट-घट की तुम जानत हारा
बाल रूप धर भक्त रिमाये,
निज भक्तन के पाप मिटाए
गोरक्ष नाथ सिद्ध जटाधारी,
तुम संग करी गोष्टी भारी
जब उस पेश गई ना कोई,
हार मान फिर मित्र होई
घट-घट के अंतर की जानत,
भले बुरे की पीड़ पहचानत
सूक्षम रूप करें पवन आहारा,
पौणाहारी हुआ नाम तुम्हारा
दर पे जोत जगे दिन रैना,
तुम रक्षक भय कोऊं हैना
भक्त जन जब नाम पुकारा,
तब ही उनका दुख निवारा
सेवक उसतत करत सदा ही,
तुम जैसा दानी कोई नाहीं
तीन लोक महिमा तव गाई,
अकथ अनादि भेद नहीं पाई
बालक नाथ अजय अविनाशी,
करो कृपा सबके घटवासी
तुमरा पाठ करे जो कोई,
बंध छूट महां सुख होई
त्राहि-त्राहि मैं नाथ पुकारू,
देहि अवसर मोहे पार उतारो
लै त्रिशूल शत्रुगण को मारो,
भक्त जना के हृदय ठारो
मात-पिता बंधु और भाई,
विपत काल पूछ नहीं कोई
दूधाधारी एक आस तुम्हारी,
आन हरो अब संकट भारी
पुत्रहीन इच्छा करे कोई,
निश्चय नाथ प्रसाद ते होई
बालकनाथ की गुफा न्यारी,
रोट चढ़ावे जो नर-नारी
रविवार करे व्रत हमेशा,
घर में रहे ना कोई कलेशा
करूँ वंदना सीस निवाये,
नाथ जी रहना सदा सहाये
भक्त करे गुणगान तुम्हारा,
भव सागर करो पार उतारा
बाबा बालक नाथ चालीसा पढने के फयदे (Baba Balak Nath Chalisa Padhne Ke Fayde)
- बाबा बालक नाथ चालीसा को बुरी शक्तियों, नकारात्मक ऊर्जा और काले जादू से सुरक्षा प्रदान करने वाला माना जाता है।
- चालीसा बाबा बालक नाथ का आशीर्वाद मांगती है, जिन्हें एक शक्तिशाली और परोपकारी देवता माना जाता है।
- माना जाता है कि चालीसा भक्तों के जीवन से बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने और उन्हें चुनौतियों से उबरने में मदद करता है।
- चालीसा भक्तों के जीवन में समृद्धि, सफलता और प्रचुरता लाती है।
Baba Balak Nath Chalisa Aarti Video (बाबा बालक नाथ चालीसा)
बाबा बालक नाथ : FAQs
बाबा बालक नाथ भगवान शिव का अवतार माना जाता है, बाबा बालक नाथ को एक शक्तिशाली और परोपकारी देवता माना जाता है जो अपने भक्तों को सुरक्षा, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास का आशीर्वाद देते हैं। उनके भक्तों का मानना है कि उनके पास अलौकिक शक्तियां हैं और वे उनकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं और उनकी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं। बाबा बालक नाथ उत्तरी भारत के लोगों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय हैं, खासकर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में।
बाबा बालक नाथ के कुछ मंदिरों में पारंपरिक मान्यताओं और प्रथाओं के आधार पर महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। बाबा बालक नाथ को एक सन्यासी और ब्रह्मचारी माना जाता है, और कुछ मंदिर अधिकारियों और स्थानीय समुदायों का मानना है कि वह महिलाओं की संगति से दूर रहना पसंद करते हैं।
इसलिए, मंदिर की पवित्रता और शुद्धता को बनाए रखने के लिए, उन्होंने कुछ मंदिरों को “पुरुष-केवल” स्थान के रूप में नामित किया है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस प्रथा का सार्वभौमिक रूप से पालन नहीं किया जाता है, और बाबा बालक नाथ के कई अन्य मंदिर हैं जहां महिलाओं को प्रवेश करने और पूजा में भाग लेने की अनुमति है।